शिवनंदन दीनदयाल हो तुम
गणराज तुम्हारी जय होवे
महाराज तुम्हारी जय होवे,
इक छत्र तुम्हारे सिर सोहे
महाराज तुम्हारी जय होवे,
इक छत्र तुम्हारे सिर सोहे
एकदंत तुम्हारा मन मोहे,
शुभ लाभ सभी के दाता हो
शुभ लाभ सभी के दाता हो
गणराज तुम्हारी जय होवे,
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम......
ब्रम्हा बन कर्ता हो तुम ही
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम......
ब्रम्हा बन कर्ता हो तुम ही
विष्णु बन भर्ता हो तुम ही,
शिव बन करके संहार हो तुम
शिव बन करके संहार हो तुम
गणराज तुम्हारी जय होवे,
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम......
हर डाल में तुम हर पात में तुम
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम......
हर डाल में तुम हर पात में तुम
हर फूल में तुम हर मूल में तुम,
संसार में बस एक सार हो तुम
संसार में बस एक सार हो तुम
गणराज तुम्हारी जय होवे,
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम....
शिव नंदन दीन दयाल हो तुम....
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