संतन के संग लाग रे तेरी अच्छी बनेगी।
अच्छी बनेगी तेरी किस्मत जगेगी।।
होए तेरो बड़ भाग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
रामचरण अनुराग रे तेरी अच्छी बनेगी...
ध्रुव जी की बन गई प्रहलाद की बन गई।
हरि सुमिरन में जाग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
कागा से तोहे हंस करेंगे, कागा से तोहे हंस करेंगे।
मिट जाए उर के भाग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
मोह निसा में बहु दिन खोयो।।
जाग सके तो जाग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
सुत वित नारी तीन आशाएं।।
त्याग सके तो त्याग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
कहत कबीर राम सुमिरन में
पाग सके तो पाग रे।। तेरी अच्छी बनेगी...
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