सीताराम सीताराम सीताराम कहिए।
जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिए।।
मुख में हो राम नाम राम सेवा हाथ में।
तू अकेला नहीं प्यारे राम तेरे साथ में।।
विधि का विधान जान हानि लाभ सहिए।। सीताराम सीताराम…
किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा।
होगा प्यारे वही जो श्री राम जी को भायेगा।।
फल आशा त्याग शुभ काम करते रहिए।। सीताराम सीताराम…
जिंदगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के।
महलों में राखे चाहे झोपड़ी में वास दे।।
धन्यवाद निर्विवाद राम राम कहिए।।
सीताराम सीताराम…
आशा एक राम जी से दूजी दूजी आशा छोड़ दे।
नाता एक राम जी से दूजा नाता तोड़ दे।।
साधु संग राम रंग अंग-अंग रंगिए।।
काम रस त्याग प्यारे राम रस पगिए।।
सीताराम सीताराम…
कृपामयी कृपा करो , प्रणाम बार बार है। दयामयी दया करो , प्रणाम बार बार है।। न शक्ति है न भक्ति है , विवेक बुद्धि है नहीं। मलीन दीन हीन हुं , पुण्य शुद्धि है नहीं।। अधीर विश्वधार बीच डूबता शिवे सदा। अशान्ति भ्रांति मोह शोक , राह रोकते सदा।। विपत्तियाँ अनेक अम्बे , आपदा अपार है। कृपामयी कृपा करो , प्रणाम बार बार है।। तुम्हे अगर कहो , कहु कहाँ विपत्ति की कथा। सुने उसे कौन अगर , सुनो न देवी सर्वथा।। सृजन विनास स्वामीनी , समस्त विश्व पालिका। अदृश्य विश्व प्राण शक्ति , एकमेव कालिका।। कठोर तू तथापि भक्त , के लिए उदार है। कृपामयी कृपा करो , प्रणाम बार बार है।। असंख्य हैं विभूतियाँ , अनंत शौर्य शालिनी। अखण्ड तेज राशियुक्त , देवि मुंड मालिनी।। समस्त सृष्टि एक अंश , में प्रखर प्रकाशिका। विवेक दायिका विमोह , पाप शूल नाशिका।। क्षमामयी क्षमा करो , उठी यही पुकार है। दयामयी दया करो , प्रणाम बार बार है।। शिवे विनीत भावना , लिए हुए खड़ा हुआ। चरण सरोज में अबोध , पुत्र है पड़ा हुआ।। कृपामयी सुदृष्टि मां , एकबार तू निहार दे। मिटे रोग ...
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