मुझे तुमने दाता बहुत कुछ दिया है।
तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया है।।
ना मिलती अगर दी हुई दात तेरी।
तो क्या थी जमाने में औकात मेरी।।
तुम्ही ने तो जीने के काबिल किया है।
तेरा शुक्रिया है...
मुझे है सहारा तेरी बंदगी का।
है जिस पर गुजारा मेरी जिंदगी का।।
मिला मुझको जो कुछ तुम्ही से मिला है।
तेरा शुक्रिया है...
किया कुछ ना मैंने शर्मसार हूं मैं।
तेरी रहमतों का तलबगार हूं मैं।।
दिया कुछ ना मैंने लिया ही लिया है।
तेरा शुक्रिया है...
मिला मुझको जो कुछ है दौलत तुम्हारी।
मेरा कुछ नहीं सब है दौलत तुम्हारी।।
उसे क्या कमी जो तेरा हो लिया है।
तेरा शुक्रिया है...
मेरा ही नहीं तू सभी का है दाता।
तू ही सबको देता तू ही है दिलाता।।
तेरा ही दिया मैंने खाया पिया है।
तेरा शुक्रिया है...
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