हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा।
हो गए भव से पार लेकर नाम तेरा।।
बालमीक अति दीन दुखी था।
बुरे कर्म में सदा लीन था।।
करी रामायण तैयार लेकर नाम तेरा...
थे नल नील जाति के वानर।
राम नाम लिख दिया शिला पर।।
हो गई सेना पार लेकर नाम तेरा...
भरी सभा में ध्रुपद दुलारी।
कृष्ण द्वारिका नाथ पुकारी।।
बढ़ गया चीर अपार लेकर नाम तेरा...
गज ने आधा नाम पुकारा।
गरुण छोड़कर उसे उवारा।।
किया ग्राह संहार लेकर नाम तेरा...
जिनको स्वयं तार नहीं पाए।
नाम लिए से मुक्ति पाए।।
महिमा नाम अपार लेकर नाम तेरा...
मीरा गिरधर नाम पुकारी।
विष अमृत कर दिया गिरधारी।।
खुल गए चारों द्वार लेकर नाम तेरा...
राम नाम को जो कोई गावे।
अपने तीनो लोक बनावे।।
है जीवन का सार लेकर नाम तेरा...
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