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26 तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे

तेरी चौखट पे ऐ श्याम प्यारे, सर हमारा झुका ही रहेगा।
जब तलक तुम नहीं दोगे दर्शन, तेरे दर से न ये सर उठेगा।।
तेरी चौखट पे-

एक मुद्दत हुई हमको प्यारे, आस चरणों की ओर लगाए।
कभी होगी कृपा दृष्टी प्यारे, ये हृदय का कमल कब खिलेगा।।
तेरी चौखट पे-

लेके मन में बड़ी आस मैं भी, आज आया शरण मैं तुम्हारी।
माग होगी मेरी आज पूरी, मेरा दामन यहीं पर भरेगा।।
तेरी चौखट पे-

मैं भिखारी हूं और तुम हो दानी, लाज दोनों ही नामों की रखना।
गर मैं लौटूंगा खाली यहाँ से, ये जमाना तुम्हे क्या कहेगा।।
तेरी चौखट पे-

प्रेम का आज प्याला पिलादो, अपनी सेवा में हमको लगादो।
पाके चरणों का तेरे सहारा, तेरा सेवक भंवर से तरेगा।।
तेरी चौखट पे-

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