जरा इतना बता दे कान्हा तेरा रंग काला क्यूं।
तू काला होकर भी जग से निराला क्यूं।।
मैंने काली रात में जन्म लिया
और काली गाय का दूध पिया
मेरी कमली भी काली है इसलिए काला हूं।।
मैंने काली नाग पर नृत्य किया
और काली नाग को नाथ लिया
नागों का रंग काला इसीलिए काला हूं।।
सावन में बिजली चमकती है
बादल भी बहुत बरसते हैं
बादल का रंग काला इसीलिए काला हूं।।
सखी नैनो में कजरा लगाती है
और नैनों में के बीच बसाती है
कजरे का रंग काला इसलिए काला हूं।।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें